Amba Mai Mandir Pachmarhi: दुनिया का एक ऐसा अनोखा मंदिर जहां शेर आते है मां के दर्शन करने, इस अद्भुत मंदिर में होते है कई बड़े चमत्कार
नवरात्रि 2023 :- 22 March से पूरे देश में नवरात्रि शुरू हो गई हैं. Navratri में माता रानी के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. मध्य प्रदेश के एक Hill Station पचमढ़ी में भी 175 साल पुराना एक अंबा माई का मंदिर है. इस मंदिर में नवरात्रि के दिनों में बाघ माता रानी के दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर से जुड़े चमत्कारी किस्से बहुत मशहूर हैं. आज हम आपको इस मंदिर के बारे में कुछ खास बातें बताएंगे.
मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में है 175 साल पुराना मंदिर
नवरात्रि के दिनों में देवी के भक्त हर रोज मां अंबे के दर्शन और Pooja करने के लिए जाते हैं. वही देश के प्रमुख देवी मंदिरों में नवरात्रि के दिनों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड जाती है, चाहे वह वैष्णो देवी मंदिर हो या मनसा देवी मंदिर. प्राचीन मंदिरों (Ancient Temples) में भक्त मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से चलकर जाते हैं. यह सब मंदिर अपने चमत्कारों और मनोकामनाएं के लिए काफी प्रसिद्ध है. ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के Hill Station पचमढ़ी में है. यह मंदिर 175 साल पुराना है. हर साल यहां बड़ी तादाद में लोग मुरादे लेकर पहुंचते हैं.
मंदिर में उल्टे शेर पर बैठी है मां बगुलामुखी
पचमढ़ी के इस प्राचीन अंबा मंदिर में नवरात्रों के दिनों में भक्तों की काफी भीड़ लग जाती है. नवरात्रि के 9 दिन तक यहां पर विशेष अनुष्ठान होते हैं. खास तौर पर संतान सुख पाने की मनोकामना को लेकर दूर-दूर से यहां पर लोग आते हैं. इस प्राचीन मंदिर में देवी मां उल्टे शेर पर बैठी हैं और इस कारण खासतौर पर तांत्रिकों की आस्था बहुत बहुत ज्यादा है. इस प्राचीन मंदिर में काफी सारे तांत्रिक भी Pooja पाठ करने आते हैं.
मां के दर्शन के लिए आते हैं बाघ
इस मंदिर में वैसे काफी सारे चमत्कार होते हैं. लेकिन उनमें से एक यह है कि इस मंदिर में माता रानी के दर्शन के लिए Tiger आते हैं. हर साल नवरात्रि के दिनों में कम से कम एक बार बाघ इस मंदिर में दर्शन के लिए जरूर आते हैं. Maa के दर्शन के लिए आए Tiger को सैकड़ों लोगों ने देखा है. कमाल की बात यह है कि यह बाघ कभी भी किसी प्राणी को नुकसान नहीं पहुंचाता है और केवल देवी मां के दर्शन करके वापस चला जाता है.
संतान सुख का भी मिलता है वरदान
इस प्राचीन अंबा मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि यहां पर संतान पाने के लिए मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है. निसंतान दंपति यहां पर मुराद लेकर आते हैं, लेकिन कभी भी निराश होकर नहीं लौटते हैं. मुराद पूरी होने के बाद लोग यहां पर प्रसाद चढ़ाने आते हैं और माता रानी का आशीर्वाद लेते हैं.