Mandi Bhav

Rice and Wheat Price News: जल्द सस्ते हो सकते है चावल और गेहूं, कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली :- सरकार ने देश भर में गेहूं और चावल की कीमतों पर लगाम लगाने और उनकी घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार ने बुधवार को कहा कि वह गेहूं-चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में इसे बेचने का निर्णय लिया है. 50 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल सरकार केंद्रीय पूल से खुले बाजार में बेचेंगे.

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खुले बाजार में बेचे जाएंगे चावल और गेहूं 

सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत चावल का आरक्षित मूल्य दो रुपये प्रति किलोग्राम से घटाकर 29 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है, क्योंकि चावल खरीदारों की संख्या कम हो गई है. सरकार ने गेहूं आयात शुल्क में कटौती की संभावना पर कहा कि क्योंकि स्थिति गतिशील और विकसित हो रही है, वह आवश्यकतानुसार भविष्य में कदम उठाएगी.

अच्छा रहा गेहूं का उठाव 

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संवाददाताओं को बताया कि पिछले कुछ महीनों से दो उत्पादों की कीमतें चर्चा में हैं क्योंकि हम अनाजों की कीमतों में बढ़त की देख रहे हैं. OMSS अब तक गेहूं का उठाव अच्छा रहा है. लेकिन गेहूं की भारित औसत कीमत पिछले दो या तीन नीलामियों में बढ़ी है. चावल का उठाव कम था.

मिल सकते हैं बेहतर परिणाम 

Chopra ने कहा कि सरकार ने सोचा कि चावल के आरक्षित मूल्य में बदलाव से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने ओएमएसएस के माध्यम से खुले बाजार में बीस लाख टन गेहूं और बीस लाख टन चावल लाने का निर्णय लिया है. यह OMSS के तहत 28 जून को घोषित 15 लाख टन गेहूं और 5 लाख टन चावल के अतिरिक्त है.

रेट 31 से घटकर 29 रुपये होगा

सचिव ने बताया कि सरकार ने 2 रुपये प्रति किलोग्राम चावल का आरक्षित मूल्य घटाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम से 29 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है. लेकिन ओएमएसएस के तहत व्यापारियों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के कारण गेहूं का आरक्षित मूल्य अपरिवर्तित रखा गया है.

कीमतें कम होने में मदद मिलेगी

Chopra ने कहा कि सरकार उम्मीद कर रही है कि इन उपायों से न केवल बाजार में उपलब्धता में सुधार होगा, बल्कि कीमतों को कम करने और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी. ‘अगले कुछ हफ्तों में प्रतिक्रिया के आधार पर, हम उनमें बदलाव करते रहेंगे,’ उन्होंने कहा. खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना अंतिम लक्ष्य है.सरकार के पास जरूरत पड़ने पर अधिक क्रूर नीलामी करने के लिए पर्याप्त स्टॉक है, उन्होंने कहा.

आयात शुल्क में कमी

सचिव ने आयात शुल्क में कमी की संभावना पर कहा, ‘‘अभी, हमने ये कदम उठाए हैं. ये बदलते रहते हैं और विकसित होते हैं. भविष्य में आवश्यकतानुसार हम कार्रवाई करेंगे.उसने यह भी कहा कि केंद्र राज्यों के साथ काम कर रहा है ताकि गेहूं में स्टॉक सीमा का उल्लंघन नहीं हो.

Monika Singh

हेलो दोस्तों मेरा नाम मोनिका है. मैं दिल्ली, द्वारका की रहने वाली हूँ. मैं खबरी राजा पर बतौर लेखक अपनी सेवाएं दे रही हूँ. मुझे आप तक सच पहुंचना सबसे अच्छा लगता है. मैं पूरी मेहनत और ईमानदारी से आप तक पूरी सच्चाई पहुँचती हूँ.

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