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Success Story: सिक्योरिटी गार्ड के बेटे ने किताबें उधार लेकर की पढ़ाई, अब मेहनत और लगन से बना IRS ऑफिसर

नई दिल्ली,Success Story :- जैसा कि आप सब जानते हैं कि यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा कितनी कठिन होती है. इसको पास कर पाना बेहद ही कठिन कार्य है. हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो इन कठिनाइयों को पार करते हुए इस एग्जाम को पास कर अपने सपने को पूरा करने का हुनर रखते हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं कुलदीप द्विवेदी. बता दें कि, 2015 में UPSC द्वारा करवाए जाने वाले सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) को न सिर्फ क्रैक किया, बल्कि ऑल इंडिया रैंक 242 को अपने नाम किया. बचपन से ही खराब आर्थिक परिस्थितियों के बीच पले-बढ़े कुलदीप द्विवेदी ने कभी भी अपनी सफलता के रास्ते में अपने घर की परिस्थितियों को बाधा नहीं बनने दिया. उन्होंने यूपीएससी एग्जाम (UPSC EXAM) क्लियर कर IRS अधिकारी का पद अपने नाम किया.

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पिता करते हैं सिक्योरिटी गार्ड का काम

जानकारी के मुताबिक, कुलदीप का जन्म एक बेहद ही आम परिवार में हुआ. यूपी में निगोह के छोटे से गांव शेखपुर में पैदा हुए कुलदीप ने जिस तरह से संघर्ष किया और हर बाधा को पार करते हुए UPSC क्रैक कर IRS अधिकारी बने, वो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है. उनके पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर अपना घर चलाया करते थे. परिवार बड़ा था, इसलिए जैसे-तैसे उनकी तनख्वाह से परिवार का गुजारा होता था मगर उन्होंने अपने बच्चे की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी. उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के लिए दिन में खेतों में काम करना भी शुरू कर दिया. अपनी इच्छाओं को दबाकर उन्होंने कुलदीप को स्कूल भेजा. बेटे ने भी निराश नहीं किया और मन लगाकर पढ़ाई की.

कुलदीप की संघर्ष – गाथा

कुलदीप अपने सभी भाई-बहनों में सबसे ज्यादा होशियार थे. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिंदी में बीए और ज्योग्राफी में एमए पास करने के बाद कुलदीप ने तय किया कि वो खुद को यूपीएससी के लिए तैयार करेंगे. चुंकि, लक्ष्य बड़ा था, जिसके लिए कुलदीप पूरी तरह तैयार हो चुके थे. अपने सपने को पूरा करने के लिए वो यूपी से निकलकर दिल्ली आ गए. यहां उन्होंने एक किराये का कमरा लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी. उनके पास उस समय मोबाइल फोन भी नहीं था. वह पीसीओ (PCO) के जरिए घरवालों से बात किया करते थे. उनके पास कम ही पैसे होते थे. ऐसे में कई बार उन्होंने दोस्तों की मदद ली और उनकी किताबें उधार लेकर अपनी पढ़ाई जारी रखी.

इंडियन रेवेन्यू सर्विसेस को बनाया करियर

अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई और 2015 में 242 वीं रैंक के साथ वो यूपीएससी क्रैक करने में सफल रहे. उनकी ट्रेनिंग अगस्त 2016 में नागपुर में शुरू हुई थी. कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली वह दूसरे परीक्षार्थियों से किताबे उधार लेकर पढ़ाई किया करते थे. आगे इंडियन रेवेन्यू सर्विसेस (Indian Revenue Services) को उन्होंने अपना करियर बना लिया. कुलदीप ने अपनी मेहनत से दुनिया को बता दिया कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती!

Monika Singh

हेलो दोस्तों मेरा नाम मोनिका है. मैं दिल्ली, द्वारका की रहने वाली हूँ. मैं खबरी राजा पर बतौर लेखक अपनी सेवाएं दे रही हूँ. मुझे आप तक सच पहुंचना सबसे अच्छा लगता है. मैं पूरी मेहनत और ईमानदारी से आप तक पूरी सच्चाई पहुँचती हूँ.

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