कैथल की बेटी दीपिका सांगवान दिल्ली में बनी जज, पहले प्रयास में हो गई थी फेल
कैथल :- प्राइवेट बस एसोसिएशन के प्रधान रहे वीरेंद्र सांगवान की बेटी दीपिका को न्याय करने की शक्ति प्राप्त हुई है. दीपिका का चयन दिल्ली ज्यूडिशरी में हुआ है. बता दें कि उनका चयन दिल्ली में न्यायिक सेवाओं में बतौर न्यायाधीश के तौर पर हुआ है. इससे परिवार में खुशियों की लहर है.
ऑल इंडिया जनरल कैटेगरी में हासिल किया 32वां रैंक
बता दें कि, दीपिका ने ऑल इंडिया जनरल कैटेगरी में 32वां रैंक हासिल कर अपने माता-पिता व जिले का नाम रोशन किया है. उनकी इस सफलता को देखते हुए माता-पिता सहित दादी की आंखों से आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे. बेटी के जज बनने पर बधाई देने के लिए आसपास के लोगों सहित संबंधियों का तांता लगा रहा है. दीपिका ने बताया कि उसकी दादी सहित माता-पिता की प्रेरणा विशेष तौर पर उसकी सफलता में सहायक बनी है.
दीपिका का संघर्ष
बता दें कि, दीपिका का जन्म 17 दिसंबर 1996 को गांव ठाँड में हुआ था. उन्होंने पांचवी तक की शिक्षा ब्रह्मापुत्र विद्या मंदिर से प्राप्त की. यहां पर अध्यापकों ने उनकी मजबूत नींव रखी तथा उसे बचपन से उच्च पद पर आसीन होने का सपना दिखाया. इसके बाद उन्होंने दसवीं की पढ़ाई डीएवी पूंडरी से की तथा 12वीं ओएस डीएवी कैथल से की. इसके बाद वह बीए (B.A) एलएलबी (L.L.B) करने के लिए आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ (Army Institute Of Law) गयी तथा वहां से अपनी पढ़ाई 2020 में पूरी की. उसने शुरू से ही जज बनने का सपना देख रखा था और इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की. उन्होंने बताया कि उसने अपने लॉ के चौथे वर्ष में चंडीगढ़ से कोचिंग ली लेकिन इसके बाद भी उसने अपने दम पर तैयारी करती रही और अपने सपने को साकार किया.
दीपिका ने कहा कि मुझे लगता है कि कानून के क्षेत्र में काफी कुछ करने की संभावनाएं हैं. सभी फील्ड से अलग इस क्षेत्र में काम करते हुए अन्य क्षेत्रों के लिए नियम बनाने, संसद में कानून बनने से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उनके पालन तक पर उसकी नजर रहती थी.
पहले प्रयास में हो गई थी फेल
दीपिका ने बताया कि उन्होंने पहले हरियाणा व गुजरात में न्यायाधीश के लिए परीक्षा दी थी. साक्षात्कार तक सफलता हासिल की, लेकिन किन्हीं कारणों से चयन नहीं हो पाया. दीपिका ने कहा कि यदि आपके माता-पिता सपोर्टिव पैरेट्स (सहयोगी माता-पिता), पॉजिटिव फ्रेंड्स (ऊर्जायुक्त मित्र) और सेल्फ कॉन्फिडेंस (आत्मविश्वास) हो तो सफलता जरूर मिलती है. इसके बाद दिल्ली के लिए प्रयास किया. इसमें अब सफलता हासिल की है. इसके लिए कड़ी मेहनत व लगन ही मुख्य कारण है.
दीपिका के पिता ने अभिभावकों के लिए दिया संदेश
अन्य अभिभावकों के लिए संदेश में वीरेंद्र सांगवान ने कहा कि बच्चे पर विश्वास रखें. वो जो करना चाहें, उनको प्रोत्साहित करें. बेटियां भी आज कम नहीं हैं. बस जरूरत है, उनके साथ खड़ा होने की. दादी विद्या देवी ने कहा कि आज उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा हैं. दीपिका की मां सीमा देवी ने कहा कि बेटी हमेशा से कुछ करना चाहती थी. जो आज कर दिखाया. बात करते हुए परिवार की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े.
दीपिका ने युवाओं के लिए दिया संदेश
दीपिका ने अन्य युवाओं के लिए संदेश में कहा कि जरूरी नहीं है कि शुरू से ही उद्देश्य बन जाए. बाद में भी बन जाता है, लेकिन जब कुछ बनने की ठान लें तो उसमें सफलता के लिए सौ प्रतिशत मेहनत करें. तभी आपको सफलता मिल सकती है. वह कहते हैं ना ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’! इस कथन को दीपिका ने सच कर दिखाया है.
ज्यूडिशरी में जाने के बाद दीपिका का लक्ष्य
दीपिका ने बताया कि उनका ज्यूडिशरी में जाने का लक्ष्य यही है कि गरीब व मध्यम वर्गीय व्यक्तियों को न्याय मिल सके तथा इसके साथ ही वे महिलाओं व बेटियों के क्षेत्र में भी काम करना चाहती हैं. वे बेसहारा महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी.