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अर्धसैनिक बलों में 50155 कर्मचारियों ने छोड़ी नौकरी, सुसाइड करने वालों का आंकड़ा भी बढ़ा

नई दिल्ली :- राजस्थान में सांसदीय समिति की एक खास रिपोर्ट को जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि देश के 6 अर्धसैनिक बलों के कम से कम 50155 जवानों ने पिछले 5 सालों के अंदर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. इतना ही नहीं अर्धसैनिक बलों में सुसाइड करने वाले कर्मियों की संख्या भी काफी बढ़ गई है. संसदीय समिति ने इस मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार से अर्धसैनिक बलों के जवानों के काम करने की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार करने और कर्मियों को बल में रहने के लिए प्रेरित करने के काफी सारे सुझाव ढूंढने होंगे.

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अर्धसैनिक बलों में कर्मचारियों ने दिया इस्तीफा

संसदीय समिति ने Report में बताया है कि इस प्रकार के संघर्षण का स्तर बलों में काम करने की स्थिति को काफी प्रभावित कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार पता लगा है कि गृह मंत्रालय द्वारा जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं उसमें असम राइफल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force) में नौकरी छोड़ने वाले कर्मियों की संख्या सबसे ज्यादा बताई गई है. Report के मुताबिक ऐसा ही हाल सीमा सुरक्षा बल कर्मियों का भी है. वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत तिब्बत सीमा Police और सशस्त्र सीमा बल में 2022 के दौरान नौकरी से इस्तीफा देने वालों की संख्या में कमी देखने को मिली है.

50155 कर्मियों ने अर्धसैनिक बल छोड़ने का लिया  निर्णय

2018 और 2023 के बीच 50155 कर्मियों ने अर्धसैनिक बल छोड़ने का निर्णय लिया था. इन कर्मियों में सबसे अधिक बीएसएफ (23553) में थे. इसके बाद सीआरपीएफ (13640) और सीआईएसफ (5876) थे.

समिति के सुझाव

बाल में नौकरी छोड़ने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इन सैनिकों को प्रोत्साहित करने के लिए समिति ने सिफारिश भी की है. समिति ने सिफारिश करते हुए कहा है कि हमें यह समझने के लिए सर्वेक्षण करना होगा कि कर्मचारी अपनी नौकरी को क्यों छोड़ रहे हैं. मंत्रालय द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और इस्तीफा देने वाले कर्मियों के बीच निकाश साक्षात्कार या सर्वेक्षण आयोजित करने की जरूरत है, जिससे कि हम कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने के कारकों का पता लगा सके और कर्मियों की चिंता को दूर करने के लिए कुछ उपाय ढूंढ सके. यह सब करके बल में कमी को हम कम कर सकते हैं.

सुसाइड के मामले हुए चिंताजनक

अगर हम पिछले 5 साल का आंकड़ा उठा कर देखे तो 50000 से भी अधिक ने अपनी नौकरी छोड़ दी है और 2018 से 2022 के बीच की बात करें तो 654 आत्महत्या के Case सामने आए हैं. आत्महत्या के मामले सीआरपीएफ (230) में सबसे ज्यादा थे. उसके बाद बीएसएफ (174) और असम राइफल में (43) देखने को मिले हैं.

Riya Gupta

मेरा नाम वंदना गुप्ता है. मैं दिल्ली महरौली की रहने वाली हूँ. मैं खबरी राजा में बतौर कंटेंट राइटर जुडी हूँ. मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म किया हुआ है. मैंने दो साल News18 हरियाणा पर बतौर कंटेंट राइटर काम किया हुआ है. मुझे न्यूज़ लिखना बहुत पसंद है. मैं हर न्यूज़ को आप तक पूरी मेहनत करके पहुँचती हूँ.

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