Andhra Pradesh News

Motivation: इस गांव से थोक के भाव में निकलते हैं ‘धरती के भगवान’, हर तीसरे घर में मिलते हैं डॉक्टर

आंध्र प्रदेश, Motivation :- आज के समय में डॉक्टर को धरती का भगवान माना जाता है. क्योंकि आज के समय में इतनी सारी बीमारियां फैली हुई है कि डॉक्टर की सहायता के बिना ठीक होना नामुमकिन है. Doctor की पढ़ाई करना सुनने में जितना आसान है करने में उतना ही ज्यादा मुश्किल है. लेकिन आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में एक ऐसा गांव है जहां पर हर तीसरे घर का बेटा या फिर बेटी डॉक्टर बने हुए है.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now
Demo Picture

इस गांव में 50 साल के अंदर बने डेढ़ सौ व्यक्ति डॉक्टर

आज से कुछ समय पहले श्रीकाकुलम जिले का कनुगुलावलसा गांव चिकित्सा के लिए दूसरों पर निर्भर रहता था. लेकिन काफी सालों के बाद यहां का नजारा बिल्कुल बदल गया है. अब यहां के डॉक्टर जगह जगह पर medical camp लगा रहे हैं. पिछले 50 साल के अंदर अंदर इस गांव में 150 डॉक्टर बने हैं. यह सभी डॉक्टर राज्य के साथ-साथ शहर के Government और Private Hospital में सेवाएं दे रहे हैं. यह गांव आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम के प्रतिनिधित्व वाले अमुदावलसा निर्वाचन क्षेत्र के पास पड़ता है.

गांव के मुख्य द्वार पर भी है डॉक्टर की फोटो

आमतौर पर हम देखते हैं कि जब भी हमें किसी बड़े शहर या फिर गांव में जाना होता है तो गांव के Main Gate पर महापुरुष या फिर किसी स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति लगी होती है. लेकिन श्रीकाकुलम जिले के कनुगुलावलसा गांव में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला है. इस गांव के मुख्य द्वार पर किसी महापुरुष या स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति की जगह डॉक्टर की मूर्ति लगी हुई है. इस गांव के प्रवेश द्वार पर डॉक्टर बेरी सतीश की प्रतिमा लगी हुई है, जिनकी मृत्यु 10 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी. गांव के प्रधान का कहना है कि हमारे बुजुर्गों ने गांव में चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहित किया था. इसलिए हमारे युवाओं में डॉक्टर का पेशा करने का एक अलग ही जुनून है. इस जुनून ने हमें यह मूर्ति स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है.

तीन पीढ़ियों तक सभी ने की डॉक्टरी की पढ़ाई

इस गांव में एक परिवार ऐसा है जिनमें तीन पीढ़ियों तक सभी ने डॉक्टर की पढ़ाई की है. हड्डी रोग विशेषज्ञ आदित्य शेखर का कहना है कि वे अपने दादा और अपने पिता से काफी प्रेरित हुए थे. इसी वजह से इन्होंने भी डॉक्टरी की पढ़ाई की. साथ ही उन्होंने बताया कि गांव में काफी सारे शिक्षक थे जिन्होंने शिक्षा के मूल्य और महत्व को समझाया. धीरे-धीरे काफी सारे लोगों ने डॉक्टरी की पढ़ाई को शुरू किया. हमारे गांव के कई युवक इंजीनियर भी बने हैं. गांव में पहला व्यक्ति जिसने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी उनका नाम बिंदी चंद्र राव था. इन्होंने 1964 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. उन्होंने बताया कि उनके दादा भी और उनके पिता भी डॉक्टर थे. परिवार के काफी सारे सदस्य और रिश्तेदार भी डॉक्टर है.

Riya Gupta

मेरा नाम वंदना गुप्ता है. मैं दिल्ली महरौली की रहने वाली हूँ. मैं खबरी राजा में बतौर कंटेंट राइटर जुडी हूँ. मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म किया हुआ है. मैंने दो साल News18 हरियाणा पर बतौर कंटेंट राइटर काम किया हुआ है. मुझे न्यूज़ लिखना बहुत पसंद है. मैं हर न्यूज़ को आप तक पूरी मेहनत करके पहुँचती हूँ.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button