Religion

Peepal Worship Reason: इन कारणों से होती है पीपल की पूजा, महर्षि दधीचि से जुड़ा है इसका रहस्य

नॉलेज डेस्क, Peepal Worship Reason :- हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पूजनीय माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि शनि दोषों से मुक्ति पाने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. पीपल के वृक्ष को पूजने की वजह एक यह भी है कि इस पेड़ पर देवताओं का वास माना जाता है. पुण्य फल पाने के लिए और पितृ दोषों से छुटकारा पाने के लिए पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना चाहिए और जल चढ़ाना चाहिए. पीपल का वृक्ष हमको 24 घंटे Oxygen देता है. इस वजह से भी इसको धर्म से जोड़ा गया है. वृक्ष के पूजनीय होने की वजह से लोग इस पेड़ को नहीं काटते. पीपल को पूजने की प्रथा ऋषि मुनियों के ज्ञान के बाद शुरू हुई है.

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पीपल के वृक्ष की पूजा करने के पीछे ये है रहस्य

हालांकि एक दूसरी पौराणिक मान्यता के मुताबिक पीपल के पेड़ की पूजा का रहस्य महर्षि दधीचि से संबंधित है. महर्षि दधीचि के श्मशान में दाह संस्कार के दौरान उनकी पत्नी दुख को सहन नहीं कर पाई और अपने 3 साल के बच्चे को पीपल के पेड़ के नीचे रखकर सती हो गई थी. इसके बाद महर्षि दधीचि का पुत्र अनाथ हो गया और पीपल के पेड़ के नीचे ही फलों को खाकर बड़ा हुआ. इस वजह से उसका नाम पिप्पलाद रख दिया गया था.

देवर्षि नारद ने बताया पिप्पलाद को महर्षि दधीचि की मृत्यु का कारण

एक बार देवर्षि नारद ने वहां से गुजरते हुए इस बालक के बारे में पूछा. बालक ने कहा कि उसे खुद इस बारे में कुछ नहीं पता. लेकिन देवर्षि नारद ने बालक को ध्यान से देखकर पहचान लिया कि वह महर्षि दधीचि का पुत्र है. देवर्षि नारद ने बालक को उसके पिता महर्षि दधीचि के बारे में बताया और कहा कि उनकी मृत्यु का कारण शनिदेव की महादशा थी.

पिप्पलाद ने की शनि देव के सामने आकर उन्हें नष्ट करने की कोशिश

उसके बाद पिप्पलाद ने ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया और उनसे वरदान मांगा कि वह जिसको भी देखे वह चीज नष्ट हो जाए. वरदान पाने के बाद पिप्पलाद ने शनि देव के सामने आकर उन्हें अपनी दृष्टि से नष्ट करने की कोशिश की. इस वजह से पूरे ब्रह्मांड में कोलाहल मच गया और ब्रह्मा जी ने पिप्पलाद के पास जाकर शनि देव को छोड़ने के लिए कहा. ब्रह्मा जी ने कहा कि वह पिप्पलाद को दो वरदान दे देंगे.

ब्रह्मा जी ने दिया पिप्पलाद को पीपल के वृक्ष की पूजा का वरदान

  1. पिप्पलाद के द्वारा पहला वरदान यह मांगा गया कि 5 साल से कम आयु के बच्चे पर शनि की महादशा ना हो जिससे कोई बच्चा अनाथ ना हो.
  2. पिप्पलाद ने कहा कि उनके अनाथ होने के बाद उनका पालन पोषण पीपल के वृक्ष ने किया था. इसलिए जो भी व्यक्ति पीपल के वृक्ष की पूजा करेगा उसको शनि की महादशा और शनि दोषों से मुक्ति दी जाए. शनि की महादशा का असर उस पर ना पड़े जो पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करेगा.

Rohit Kumar

हेलो दोस्तों मेरा नाम Rohit Kumar है. मैं खबरी राजा की टीम में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दे रहा हूँ. इससे पहले मैंने अमर उजाला और Zee न्यूज़ राजस्थान में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दी है. मैं पूरी मेहनत करके सच को आप तक सबसे पहले पहुँचता हूँ.

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