ReligionUttar Pradesh News

Jagannath Temple: भारत के इस मंदिर में हर साल बीमार पड़ जाते है भगवान, इस दवाई को देने के बाद होते है सही

नॉलेज डेस्क, Jagannath Temple :- यह तो आप जानते ही होंगे कि हमारे भारत में कई चमत्कारिक और ऐतिहासिक मंदिर स्थापित हैं. ये मंदिर खूबसूरत तो है ही, इसके साथ रहस्यमई कहानियों से भी जुड़े हुए हैं. आज हम ऐसे ही एक रहस्यमई मंदिर के बारे में आपको बताएंगे. यह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे कि इस मंदिर में भगवान हर साल बीमार पड़ जाते हैं.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

चमत्कारों से भरी हुई है मथुरा वृंदावन की धरती

मथुरा वृंदावन वह धरती है जो राधा कृष्ण की कथाओंऔर चमत्कारों से भरी हुई है. आज भी इन मंदिरों में कोई न कोई चमत्कारी घटना सुनने को मिलती है. इन घटनाओं के कारण ही यह धरती काफी मशहूर है. यहां की धरती को बृज भूमि भी कहा जाता है क्योंकि यहां के कण- कण में राधा कृष्ण वास करते हैं. हर साल लाखों की तादाद में श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं.

बीमार पड़ जाते हैं भगवान

इन्हीं में से एक मंदिर जगन्नाथ मंदिर है जो वृंदावन में स्थित है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि हर साल 16 दिन के लिए इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं. मान्यता के अनुसार भगवान भक्तों के दुखों का निवारण करते हैं लेकिन इस मंदिर में भगवान खुद हर साल 16 दिन के लिए बीमार पड़ जाते हैं. कहते हैं जब भगवान बीमार पड़ जाते हैं तो उन दिनों में भक्त भी उनके दर्शन नहीं कर पाते.

वृंदावन में भी पुरी की तरह निकाली जाती है रथयात्रा

आपको बता दें कि यह जगन्नाथ मंदिर वृंदावन की पावन धरती पर परिक्रमा रोड, ज्ञानगुदड़ी के पास स्थापित है. उड़ीसा के पुरी जिले में स्थित जगन्नाथ मंदिर में हर साल रथ यात्रा निकाली जाती है. ठीक वैसे ही यहां भी श्री जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जाती है.

यात्रा शुरू होने से पहले करवाया जाता है स्नान

ऐसा कहा जाता है कि इस यात्रा से पहले ही भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं. इस यात्रा के शुरू होने से पहले भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को स्नान कराया जाता है. स्नान के लिए देश भर की प्रसिद्ध नदियों से जल लाया जाता है और फिर रथयात्रा से 16 दिन पहले इस जल से भगवान को स्नान करवाया जाता है.

भगवान को ठीक करने के लिए दी जाती है औषधियां

स्नान के बाद से ही भगवान बीमार पड़ जाते हैं. इस वजह से भगवान कुछ समय के लिए विश्राम अवस्था में चले जाते हैं. इसके बाद उन्हें ठीक करने के लिए औषधिया दी जाती है तब जाकर 16 दिन बाद भगवान का स्वास्थ्य ठीक होता है. भगवान के बीमार पड़ने के दौरान भक्त उनके दर्शन नहीं कर पाते हैं. 16 दिन बाद जब भगवान स्वस्थ हो जाते हैं तो दूध, दही और घी आदि सामग्री से उनका विधि पूर्वक अभिषेक किया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद सबसे पहले गौ माता भगवान जगन्नाथ के दर्शन करती हैं. उसके बाद सभी भक्तों को दर्शन करने की अनुमति मिलती है.

Rohit Kumar

हेलो दोस्तों मेरा नाम Rohit Kumar है. मैं खबरी राजा की टीम में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दे रहा हूँ. इससे पहले मैंने अमर उजाला और Zee न्यूज़ राजस्थान में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दी है. मैं पूरी मेहनत करके सच को आप तक सबसे पहले पहुँचता हूँ.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button