Indian History

Mughal Harem: मुगल हरम में हर दासी चाहती थी बादशाह के साथ रात गुजारना, राजा खुश होने के बाद मिलता ये खास अधिकार

नई दिल्ली :- मुगल काल में Mughal Harem काफी चर्चा में रहा. भारतीय हो या विदेशी, हर कोई इसे जानने और समझने में उत्सुक था. भारत आए कई बाहरी लोगों ने हरम के कई राज बताए. हरम में जाने का अवसर इतालवी यात्री मनूची को मिला. हरम में महिलाओं की स्थिति पर उन्होंने खुलकर लिखा. अरबी शब्द हरम, जिसका अर्थ है पवित्र या वर्जित, से निकला है. इसकी शुरुआत मुगल साम्राज्य की स्थापना करने वाले बाबर के शासनकाल से हुई थी. बाबर ने सिर्फ चार साल शासन किया था, इसलिए हरम को ऐसा तैयार नहीं किया जा सका था जैसा कि वह पहले था. बाबर के पोते अकबर ने हरम को संभाला और इसका विस्तार किया.

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ये महिलाएं होती थी हरम में शामिल

Harem में महिलाओं के कई समूह थे. इसमें शाही परिवार, बादशाह की रखैल, हरम और उनकी देखभाल करने वाली महिलाएं शामिल थीं. महिलाओं को हरम की रौनक बढ़ाने के लिए कई तरह से वहां तक पहुंचाया जाता था. जैसे, अगर कोई महिला मुगल बादशाह का दिल जीत लेती तो उसे हरम का हिस्सा बनाया जाता था. कुछ महिलाओं को बाहर से लाया गया था, तो कुछ को बाजार से खरीदा गया था. बादशाह को दूसरे राजाओं से मिलने वाली कुछ महिलाएं भी हरम में थीं. बादशाह के बिस्तर तक कनीज कौन से पहुंचेगी, यह बहुत कुछ पर निर्भर था. इसके लिए उसे सुंदर और नृत्य में पारंगत होना चाहिए था.

कैसा होता था हरम का जीवन

मनूची कहते हैं कि हरम में औरतों की जिंदगी का बहुत सारा हिस्सा था. शाही परिवार की स्त्रियों को हर दिन नए कपड़े मिलते थे. वह एक बार जो कपड़े पहनती थीं, फिर कभी नहीं पहनती थीं. उसे हरम के दासों में बाँट दिया गया. महिलाएं शाही परिवारों में राजसी जीवन जीती थीं, दिन में फौव्वारों और रात में आतिशबाजी का आनंद लेती थीं. कथाओं में व्यस्त रहती थीं. तीरंदाजी करना और गजल सुनना उनका सबसे बड़ा शौक था.

हर कोई बनाना चाहती थी बादशाह की चहेती

जब एक महिला हरम में आ गई, बाहर की दुनिया से उसका संबंध खत्म हो गया. उसके बाहर जाने पर एक विशिष्ट प्रतिबंध था. इसके अलावा, उनसे बाहर के व्यक्ति से संबंध न रखने की सलाह दी गई. इस नियम का सख्ती से पालन करना था. बादशाह हरम में अपनी कुछ विशिष्ट कनीजों के साथ समय बिताता था. बादशाह की चहेती बनने पर उनके अधिकारों में इजाफा होता था. दासों को उनकी सेवा करने के लिए लगाया गया और साम्राज्य में उनका प्रभाव बढ़ा.

Prashant Dagar

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम प्रशांत डागर है. मैं खबरी राजा की टीम में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दे रहा हूँ. इससे पहले मैंने हरियाणा की चौपाल टीवी में बतौर कंटेंट राइटर अपनी सेवा दी है. हर सच से आपको रूबरू करवाना मेरा पहला कर्तव्य है.

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