गुजरात टूलरूम के शेयरों में भारी गिरावट, कमजोर तिमाही नतीजों ने बिगाड़ा निवेशकों का मूड

गुजरात टूलरूम के शेयरों में भारी गिरावट, कमजोर तिमाही नतीजों ने बिगाड़ा निवेशकों का मूड

24 नवम्बर 2025 Off By नवीन कपूर

इंजीनियरिंग क्षेत्र की स्मॉल-कैप कंपनी गुजरात टूलरूम लिमिटेड के शेयरों में भारी बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है। ताजा कारोबारी सत्र में कंपनी का शेयर 10.98 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 0.81 रुपये के स्तर पर बंद हुआ, जो इसके 52-सप्ताह के निचले स्तर 0.79 रुपये के बेहद करीब है। शेयर ने दिन के कारोबार के दौरान 0.88 रुपये का उच्चतम और 0.79 रुपये का निचला स्तर भी छुआ। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देखें तो कंपनी की वैल्यूएशन 128.10 करोड़ रुपये के आसपास है, जो इसे एक माइक्रो-कैप श्रेणी में रखता है। निवेशकों के लिए यह समय असमंजस भरा है क्योंकि शेयर पिछले एक साल में बेंचमार्क सूचकांकों के मुकाबले काफी कमजोर साबित हुआ है।

तिमाही नतीजों में आय और मुनाफे को झटका

कंपनी के लिए हालिया वित्तीय तिमाही काफी चुनौतीपूर्ण रही है। 30 जून 2025 को समाप्त हुई तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि कंपनी की संगठित बिक्री में भारी संकुचन आया है। इस दौरान कंपनी ने 14.51 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की, जो पिछली तिमाही के 119.97 करोड़ रुपये के मुकाबले करीब 87.91 प्रतिशत कम है। अगर इसकी तुलना पिछले साल की समान तिमाही से की जाए, तो गिरावट और भी भयावह है, जहां बिक्री 452.30 करोड़ रुपये से गिरकर मौजूदा स्तर पर आ गई है। मुनाफे के मोर्चे पर भी दबाव साफ दिखाई दे रहा है; टैक्स चुकाने के बाद कंपनी का शुद्ध मुनाफा सिमटकर महज 3.66 करोड़ रुपये रह गया है। यह लगातार दूसरी तिमाही है जब कंपनी ने नकारात्मक परिणाम दिए हैं, जो पिछले नौ तिमाहियों से चल रहे सुस्त प्रदर्शन की कड़ी को और लंबा कर रहा है।

तकनीकी संकेत और बाजार का रुख

तकनीकी चार्ट पर नजर डालें तो शेयर की चाल ‘बियरिश’ यानी मंदी की ओर इशारा कर रही है, हालांकि कुछ संकेत मिले-जुले भी हैं। साप्ताहिक चार्ट पर एमएसीडी (MACD) थोड़ी तेजी का संकेत दे रहा है, लेकिन मासिक चार्ट पर मंदी का दौर जारी है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) अभी किसी स्पष्ट दिशा का संकेत नहीं दे रहा है, जिससे निवेशक और ट्रेडर दोनों ही सतर्कता बरत रहे हैं। बोलिंगर बैंड्स और डेली मूविंग एवरेज भी शेयर में हल्की मंदी की पुष्टि करते हैं। डॉव थ्योरी के विश्लेषण के अनुसार भी साप्ताहिक और मासिक दोनों पैमानों पर आउटलुक कमजोर बना हुआ है। हालांकि, मौजूदा गिरावट के बाद निचले स्तरों पर थोड़ी खरीदारी की दिलचस्पी देखी गई है, जिससे शेयर को हल्का सहारा मिल सकता है।

वैल्यूएशन और बुनियादी मजबूती

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद गुजरात टूलरूम के कुछ बुनियादी फंडामेंटल अभी भी आकर्षक नजर आते हैं। कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 52.93 प्रतिशत है, जो यह दर्शाता है कि प्रबंधन शेयरधारकों के पैसे का उपयोग करने में काफी कुशल है। इसके अलावा, कंपनी पर कर्ज का बोझ न के बराबर है, जिसका डेट-टू-इक्विटी रेश्यो 0.09 गुना है। यह एक रूढ़िवादी लेकिन सुरक्षित पूंजी संरचना का संकेत है। कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 14.5 प्रतिशत है और इंटरप्राइज वैल्यू का अनुपात भी आकर्षक है। लंबी अवधि में कंपनी ने अपनी बिक्री और परिचालन लाभ में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है, जो यह बताता है कि मौजूदा झटकों के बावजूद इसमें विस्तार की क्षमता मौजूद है।

निवेशकों के लिए लंबी और छोटी अवधि का गणित

निवेश के लिहाज से गुजरात टूलरूम का इतिहास दो अलग-अलग कहानियां बयां करता है। छोटी अवधि में निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है; पिछले एक साल में शेयर ने -52.16 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है, जबकि इसी दौरान सेंसेक्स में अच्छी बढ़त दर्ज की गई है। साल-दर-साल आधार पर भी गिरावट 64 प्रतिशत से अधिक रही है। इसके विपरीत, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह शेयर किसी जैकपॉट से कम नहीं रहा। पिछले पांच सालों में इसने 1,428 प्रतिशत से अधिक का शानदार रिटर्न दिया है, और दस साल की अवधि में यह आंकड़ा 3,500 प्रतिशत को भी पार कर गया है। यह विरोधाभास स्पष्ट करता है कि जहां लंबी अवधि में शेयर ने भारी संपत्ति निर्माण किया है, वहीं मौजूदा समय में यह अत्यधिक अस्थिरता और सुधार के दौर से गुजर रहा है।