शेयर बाजार: 6 दिनों की तेजी पर लगा ब्रेक, अमेरिकी फेड के फैसले से पहले निवेशक सतर्क

शेयर बाजार: 6 दिनों की तेजी पर लगा ब्रेक, अमेरिकी फेड के फैसले से पहले निवेशक सतर्क

22 अगस्त 2025 Off By विनीता दस

भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को छह दिनों से चली आ रही तेजी का सिलसिला टूट गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन के महत्वपूर्ण भाषण से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाते हुए मुनाफावसूली की, जिसके चलते प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों में लगभग 0.85% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर सेक्टरों के दम पर बाजार साप्ताहिक आधार पर 1% की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा।

बाजार का हाल: 52-हफ्ते के उच्चतम और निम्नतम स्तर पर स्टॉक

शुक्रवार के कारोबारी सत्र में बाजार में मिलाजुला रुख देखने को मिला। एक तरफ जहाँ 151 शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ, वहीं 53 शेयर अपने 52-सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर आ गए। 52-सप्ताह के नए शिखर पर पहुंचने वाले प्रमुख शेयरों में आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज लिमिटेड, कमिंस इंडिया लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, लेमन ट्री होटल्स लिमिटेड, निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड, वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (पेटीएम), साई लाइफ साइंसेज लिमिटेड, और ऊनो मिंडा लिमिटेड शामिल थे।

इसके विपरीत, जिन शेयरों ने 52-सप्ताह का निचला स्तर छुआ, उनमें अग्रवाल इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, बजाज स्टील इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हिकल लिमिटेड, पक्का लिमिटेड, पॉलीप्लेक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, प्रवेग लिमिटेड, रीगाल रिसोर्सेज लिमिटेड, और शिवालिक रसायन लिमिटेड जैसे नाम उल्लेखनीय थे।

गिरावट के पीछे के कारण

बाजार में शुक्रवार की गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल संगोष्ठी में होने वाले भाषण को लेकर निवेशकों की बेचैनी थी। निवेशक पॉवेल के भाषण से यह संकेत तलाश रहे हैं कि सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है या नहीं। हालांकि बाजार पहले ही अगले महीने 25-आधार-अंकों की कटौती की उम्मीद कर रहा था, लेकिन फेड की जुलाई बैठक के मिनट्स जारी होने के बाद यह उम्मीदें कुछ कम हो गई हैं। इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली और 27 अगस्त से भारतीय उत्पादों पर लगने वाले अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंताओं ने भी बाजार की धारणा को प्रभावित किया। रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को लेकर चल रही अनिश्चितता भी एक अन्य कारण रही।

सेक्टर और शेयरों में हलचल

शुक्रवार को बिकवाली का दबाव लगभग सभी सेक्टरों में देखा गया। फाइनेंशियल, आईटी, एफएमसीजी, मेटल और ऑयल एंड गैस शेयरों में 0.5% से 1% के बीच गिरावट आई। सेंसेक्स लगभग 690 अंक गिरकर 81,517 के आसपास बंद हुआ, जबकि निफ्टी 24,900 के स्तर से नीचे फिसलकर लगभग 0.6% की गिरावट के साथ बंद हुआ।

शेयर-विशेष की बात करें तो, नेतृत्व में फेरबदल के बाद हीरो मोटोकॉर्प के शेयर में लगभग 2% की गिरावट आई। रेटिंग डाउनग्रेड के बाद मझगांव डॉक का शेयर लगभग 1% फिसला। वहीं, ₹1,000 करोड़ का बड़ा ऑर्डर मिलने के बाद टेक्समैको रेल के शेयरों में 2% से अधिक की तेजी आई।

इस हफ्ते बाजार का सफर

  • सोमवार-मंगलवार (18-19 अगस्त): सप्ताह की शुरुआत धीमी रही। निफ्टी 25,000 के आसपास सीमित दायरे में कारोबार करता रहा।

  • बुधवार (20 अगस्त): बाजार ने रफ्तार पकड़ी। आईटी, एफएमसीजी और रियल्टी शेयरों में जोरदार खरीदारी के दम पर सेंसेक्स 200 से अधिक अंक चढ़ा और निफ्टी 25,000 के पार निकल गया।

  • गुरुवार (21 अगस्त): सूचकांकों ने अपनी बढ़त बनाए रखी, लेकिन तेजी मामूली थी। सीमेंट शेयरों ने कमजोर प्रदर्शन किया, हालांकि कुल मिलाकर धारणा सकारात्मक बनी रही।

  • शुक्रवार (22 अगस्त): तेजी का दौर थम गया। मुनाफावसूली और वैश्विक बाजारों से मिले सतर्क संकेतों के कारण सप्ताह की पहली बड़ी गिरावट देखने को मिली।

आगे की राह और विश्लेषकों की राय

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि शुक्रवार की गिरावट को ट्रेंड में बदलाव के बजाय एक स्वस्थ सुधार के रूप में देखा जाना चाहिए। बाजार लगातार छह सत्रों तक चढ़ा था, और व्यापारी पॉवेल के भाषण जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम से पहले अपना मुनाफा सुरक्षित करना चाहते थे।

एक विदेशी ब्रोकरेज के वरिष्ठ विश्लेषक के अनुसार, “दुनिया भर के निवेशक इस बात के संकेत का इंतजार कर रहे हैं कि क्या अमेरिकी फेड सितंबर में दरों में कटौती का संकेत देगा या मुद्रास्फीति के जोखिमों के कारण सतर्क रुख बनाए रखेगा। यदि भाषण का रुख नरम होता है, तो भारतीय शेयरों में फिर से खरीदारी लौट सकती है, जबकि सतर्क लहजा अगले सप्ताह बाजारों में उतार-चढ़ाव बनाए रख सकता है।”