AI की दुनिया में नई क्रांति: यूरोप की ‘AI First’ रणनीति और गूगल के नए फीचर्स से बदल रही है तकनीक की तस्वीर
8 अक्टूबर 2025आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वैश्विक दौड़ तेज़ हो गई है। एक तरफ जहाँ यूरोप अपनी तकनीकी संप्रभुता को मजबूत करने के लिए बड़ी योजनाओं की घोषणा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर गूगल जैसे तकनीकी दिग्गज अपने नए AI फीचर्स से वेब के भविष्य को एक नई दिशा दे रहे हैं।
यूरोप की महत्वाकांक्षी ‘AI First’ रणनीति
यूरोपीय संघ आयोग ने हाल ही में अपनी ‘अप्लाई AI स्ट्रैटेजी’ पेश की है, जिसका मुख्य उद्देश्य यूरोप की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमताओं को बढ़ाना और गैर-यूरोपीय प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता को कम करना है। यह रणनीति ‘AI कॉन्टिनेंट एक्शन प्लान’ का ही एक विस्तार है।
बिटकॉम (Bitkom) की कार्यकारी सदस्य सुसैन डेहमेल के अनुसार, यह रणनीति एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने कहा, “‘AI First’ की प्रतिबद्धता के साथ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भविष्य में आर्थिक मूल्य निर्माण, सार्वजनिक प्रशासन और अनुसंधान का एक अभिन्न अंग बनाया जाएगा। यह वैश्विक AI दौड़ में यूरोप की प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”
इस रणनीति का एक प्रमुख स्तंभ ‘AI गीगाफैक्ट्रीज़’ की स्थापना है, जो उच्च-प्रदर्शन वाले यूरोपीय डेटा सेंटर के रूप में काम करेंगे। कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा स्पेस, डिजिटल इनोवेशन हब और ‘AI-ऑन-डिमांड’ पोर्टल के विस्तार के साथ मिलकर, ये गीगाफैक्ट्रीज़ एक संप्रभु यूरोपीय AI अर्थव्यवस्था की नींव रखेंगे।
निवेश और चुनौतियाँ
हालांकि, सुसैन डेहमेल ने यह भी चेतावनी दी है कि केवल रणनीतियाँ और कार्यक्रम पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेरिका और चीन में इसी तरह की परियोजनाओं के लिए 500 बिलियन यूरो तक का भारी निवेश किया जा रहा है। यूरोप को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक धन के साथ-साथ निजी पूंजी को भी आकर्षित करना होगा।
डेहमेल ने नवाचार-अनुकूल नीतियों, प्रतिस्पर्धी ऊर्जा कीमतों और विशेष रूप से छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (SMEs) के लिए लक्षित समर्थन की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि तभी यूरोप अपनी औद्योगिक ताकत का लाभ उठा सकेगा और ‘अप्लाई AI स्ट्रैटेजी’ को सफलतापूर्वक लागू कर पाएगा।
गूगल का नया AI मोड और जेमिनी का भविष्य
तकनीकी विकास के दूसरे छोर पर, गूगल अपने AI मॉडल ‘जेमिनी’ को और भी उन्नत बना रहा है। भविष्य में जेमिनी स्वतंत्र रूप से वेब ब्राउज़र को ऑपरेट करने में सक्षम होगा। गूगल ने कुछ डेमो वीडियो में इसकी झलक भी दिखाई है, हालांकि यह तकनीक अभी अपने शुरुआती चरण में है। कई AI कंपनियाँ ऐसे ‘AI एजेंट’ विकसित कर रही हैं जो कंप्यूटर को नियंत्रित कर सकें, लेकिन इसके साथ सुरक्षा जोखिमों की चिंताएँ भी जुड़ी हुई हैं।
इसी क्रम में, गूगल ने अपनी सर्च इंजन के लिए बहुप्रतीक्षित ‘AI मोड’ को जर्मनी सहित कई नए देशों में लॉन्च कर दिया है। यह मौजूदा ‘AI ओवरव्यू’ (जो परिणामों का सारांश देता है) से कहीं ज़्यादा उन्नत है। ‘AI मोड’ एक जेनरेटिव AI चैटबॉट की तरह काम करता है जो वेब सर्च के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।
यह ‘क्वेरी-फैन-आउट’ नामक तकनीक का उपयोग करता है, जिसमें एक प्रश्न को कई उप-विषयों में तोड़कर एक साथ कई स्रोतों से जानकारी खोजी जाती है। इससे उपयोगकर्ता जटिल और बहु-स्तरीय प्रश्न पूछ सकते हैं और फॉलो-अप प्रश्न भी कर सकते हैं। अपनी मल्टीमॉडल क्षमताओं के कारण, यह टेक्स्ट के अलावा इमेज और ऑडियो इनपुट (जैसे वॉयस कमांड) को भी प्रोसेस कर सकता है।
वेबसाइटों पर AI का असर: ट्रैफिक में गिरावट की चिंता
गूगल के इन नए फीचर्स ने वेब प्रकाशकों के बीच एक नई बहस छेड़ दी है। अमेरिका में मई में ‘AI मोड’ के लॉन्च होने के बाद से, कई वेबसाइट मालिकों ने अपने ट्रैफिक में दहाई अंकों में प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। जब गूगल सीधे सर्च परिणामों में AI-जनित उत्तर देने लगता है, तो उपयोगकर्ता मूल वेबसाइटों पर क्लिक नहीं करते हैं।
इस मुद्दे पर गूगल की सर्च इंजन विभाग की उपाध्यक्ष, हेमा बुडाराजू ने सफाई देने की कोशिश की। उन्होंने ट्रैफिक गिरावट को मापने वाले अध्ययनों को “बहुत अधूरे डेटा” पर आधारित बताया, लेकिन उन्होंने कोई ठोस आँकड़े भी पेश नहीं किए। गूगल केवल अपने “सर्च ट्रैफिक” के स्थिर रहने का दावा करता है, जो उसके अपने सर्च इंजन के उपयोग को संदर्भित करता है, न कि बाहरी वेबसाइटों पर भेजे गए ट्रैफिक को।
जर्मनी की एक प्रमुख टेक्नोलॉजी वेबसाइट ‘कंप्यूटरबेस’ ने भी पुष्टि की है कि 2025 की शुरुआत में AI-सारांश लॉन्च होने के बाद से गूगल से आने वाले उनके ट्रैफिक में, विशेष रूप से कम्युनिटी-संबंधित पेजों पर, स्पष्ट गिरावट देखी गई है। यह इस बात का संकेत है कि AI का विकास जहाँ एक ओर उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधाएँ ला रहा है, वहीं दूसरी ओर यह ओपन वेब के इकोसिस्टम के लिए एक गंभीर चुनौती भी पेश कर रहा है।